नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) ने 'इंडियाज एम्प्लॉयमेंट प्रॉस्पेक्ट्स: पाथवेज़ टू जॉब्स' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की | Current Affairs | Vision IAS
News Today Logo

    नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) ने 'इंडियाज एम्प्लॉयमेंट प्रॉस्पेक्ट्स: पाथवेज़ टू जॉब्स' शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की

    Posted 15 Dec 2025

    1 min read

    Article Summary

    Article Summary

    भारत में रोजगार की वृद्धि स्वरोजगार और मध्यम-कुशल नौकरियों पर निर्भर करती है, और सार्थक रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, ऋण तक पहुंच और श्रम नीतियों में सुधार की आवश्यकता है।

    यह रिपोर्ट देश में नौकरियों के सृजन के प्रमुख चालक के रूप में कौशल विकास और लघु उद्यमों की भूमिका को रेखांकित करती है।

    रोजगार में प्रमुख रुझान

    • रोजगार में वृद्धि मुख्य रूप से स्व-रोजगार में बढ़ोतरी के कारण हुई है, जबकि कम-कौशल वाले रोजगार से उच्च कौशल वाले रोजगार में परिवर्तन धीमा रहा है।
      • भारत में स्व-रोजगार का प्रभुत्व आर्थिक आवश्यकता के कारण है न कि उद्यमशीलता की गतिशीलता के कारण। इसके अलावा, अधिकतर लघु उद्यम कम पूंजी, निम्न उत्पादकता और अल्प प्रौद्योगिकी उपयोग के साथ जीवन निर्वाह के स्तर पर परिचालन करते हैं।
    • विशेष रूप से सेवाओं में मध्यम-कौशल वाली नौकरियां रोजगार वृद्धि पर हावी हैं, जबकि विनिर्माण में अभी भी कम-कौशल वाले श्रम बल की प्रधानता है।
    • भारत की व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (VET) प्रणाली को अभी भी गहन संरचनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन चुनौतियों में निम्नलिखित शामिल हैं:
      • सीटों का पूरी तरह से नहीं भरा जाना;
      • अपर्याप्त प्लेसमेंट, 
      • प्रशिक्षक पदों का रिक्त होना, 
      • कमजोर उद्योग संपर्क, तथा
      • व्यावसायिक शिक्षा को गैर-प्राथमिक विकल्प के रूप में देखने की लगातार बनी हुई धारणा।

    सार्थक रोजगार सृजित करने के लिए सिफारिशें

    • मांग पक्ष: सुधारों का लक्ष्य घरेलू उपभोग को बढ़ावा देना; उत्पादन से संबद्ध प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं को श्रम-गहन क्षेत्रकों (जैसे- वस्त्र, फुटवियर आदि) की ओर पुनर्निर्देशित करना; ऋण तक पहुंच में सुधार करना और श्रम संबंधी नियमों को सरल बनाना होना चाहिए। 
      • ऋण तक पहुंच में 1% की वृद्धि भी हायर किए गए कर्मचारियों की अपेक्षित संख्या में 45% की वृद्धि करती है।
    • आपूर्ति पक्ष: प्रारंभिक स्कूली शिक्षा में VET को एकीकृत करना चाहिए; पाठ्यक्रम को उद्योग की मांगों के साथ संरेखित करना चाहिए; सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करना चाहिए और ऐसे सार्वजनिक निवेशों को बढ़ाना चाहिए, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप हों। 
      • औपचारिक कौशल विकास में निवेश के माध्यम से कुशल कार्य बल के हिस्से को 12 प्रतिशत अंक तक बढ़ाने से 2030 तक श्रम-गहन क्षेत्रकों में रोज़गार में 13% से अधिक की वृद्धि हो सकती है।
    • Tags :
    • Employment
    Watch News Today
    Subscribe for Premium Features