कुंभकोणम वेत्रिलाई और थोवलाई माणिक्का मालाई (KUMBAKONAM VETRILAI AND THOVALAI MAANIKKA MAALAI)
कुंभकोणम वेत्रिलाई को हाल ही में भारत सरकार द्वारा भौगोलिक संकेत (GI) टैग दिया गया है, जो इसकी क्षेत्रीय विशेषता और सांस्कृतिक महत्व को मान्यता देता है।
कुंभकोणम वेत्रिलाई के बारे में
- यह एक पान (pan) का पत्ता होता है।
- यह मुख्य रूप से तंजावुर के उपजाऊ कावेरी नदी बेसिन के कुंभकोणम क्षेत्र में उगाया जाता है।
- इनमें चेविकोल नामक एक एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन रोधी) तत्व पाया जाता है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है। यह डायबिटीज जैसी बीमारियों में आम होता है।
थोवलई माणिक्का मालाई के बारे में
- यह एक खास तरह की माला है, जो केवल थोवलई में बनाई जाती है।
- इसमें फूलों को सावधानी से मोड़ा जाता है और उन्हें सटीक ज्यामितीय (geometrical) पैटर्न में इस तरह से व्यवस्थित किया जाता है कि वे रत्नों (खासकर माणिक/रूबी) जैसे दिखें।
भौगोलिक संकेतक (GI) टैग के बारे में
- GI एक ऐसा चिह्न है, जिसका उपयोग उन उत्पादों के लिए किया जाता है, जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है। साथ ही, इन उत्पादों की अपनी उत्पत्ति के कारण गुण या प्रतिष्ठा भी होती है।
- यह वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 के तहत विनियमित है।
- भौगोलिक संकेतक रजिस्ट्री की स्थापना चेन्नई में इस अधिनियम के प्रबंधन के लिए की गई है।
- इसे औद्योगिक संपत्ति के संरक्षण के लिए पेरिस कन्वेंशन के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार (IPRs) के रूप में मान्यता दी गई है।
- यह ट्रिप्स/ TRIPS (बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलू) समझौते के अंतर्गत भी शामिल है।
- नोडल विभाग/ मंत्रालय: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग।
- अवधि: 10 वर्ष और इसे नवीनीकृत भी किया जा सकता है।
- सबसे अधिक GI टैग उत्तर प्रदेश के पास हैं।
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प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 {EMBLEMS AND NAMES (PREVENTION OF IMPROPER USE) ACT, 1950}
हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने ‘प्रतीक और नाम (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950’ के तहत एक स्वतंत्रता सेनानी की विरासत का सम्मान करने के संबंध में दायर एक याचिका खारिज कर दी।
प्रतीक अधिनियम (Emblems Act) के बारे में:
- इस अधिनियम का उद्देश्य भारतीय राष्ट्रीय ध्वज, राजकीय प्रतीक, राष्ट्रपति या राज्यपाल की मुहर, राष्ट्रीय व्यक्तित्वों (जैसे- महात्मा गांधी) के नाम या सचित्र प्रस्तुति के अनुचित या व्यावसायिक उपयोग को रोकना है।
- प्रतीक की परिभाषा: “प्रतीक” का अर्थ है ऐसा कोई भी प्रतीक, मुहर, ध्वज, चिन्ह, कोट-ऑफ-आर्म्स (राज्य चिह्न) या चित्रात्मक प्रस्तुति, जो इस अधिनियम में उल्लेखित हो।
- लागू होना: यह अधिनियम पूरे भारत में लागू है। साथ ही, यह भारत के बाहर रहने वाले भारत के नागरिकों पर भी लागू होता है।

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विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship: WTC)
दक्षिण अफ्रीका ने लॉर्ड्स (इंग्लैंड) में आयोजित विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (2023-25) में मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीत लिया है।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के बारे में
- शुरुआत: WTC की शुरुआत अगस्त 2019 में हुई थी।
- पात्रता: ICC टेस्ट टीम रैंकिंग में शीर्ष नौ रैंक वाली टीमें WTC के लिए क्वालीफाई करती हैं।
- फॉर्मेट:
- प्रत्येक टीम तीन घरेलू और तीन बाहरी श्रृंखलाएं खेलती है।
- द्विपक्षीय टेस्ट श्रृंखला का प्रत्येक मैच दो साल के चक्र में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की तालिका में अंकों का योगदान करता है।
- प्रत्येक टीम कम-से-कम 2 टेस्ट और अधिकतम 5 टेस्ट की 6 श्रृंखलाएँ खेलती है।
- शीर्ष दो टीमें (पॉइंट प्रतिशत प्रणाली के अनुसार, न कि जीते गए मैचों के आधार पर) विजेता बनने के लिए एक दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करती हैं।
- प्रत्येक टीम तीन घरेलू और तीन बाहरी श्रृंखलाएं खेलती है।
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- Word Test Championship
सलखान फॉसिल पार्क को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स की टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया गया (SALKHAN FOSSIL PARK ADDED TO UNESCO TENTATIVE LIST FOR WORLD HERITAGE SITES)
इसका आधिकारिक नाम सोनभद्र फॉसिल्स पार्क है और यह उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित है।
- IUCN के 2020 के "जीवन के विकास (Evolution of Life)" से जुड़े दिशा-निर्देशों के अनुसार यह पार्क जियो-हेरिटेज साइट की श्रेणी में आता है। साथ ही, यह पार्क यूनेस्को के ‘2021 के पृथ्वी के इतिहास और जीवन के विकास से जुड़े मानकों’ पर भी खरा उतरता है।
सलखान फॉसिल पार्क के बारे में
- यह कैमूर पहाड़ियों (जो विन्ध्य पर्वतमाला का हिस्सा हैं) में स्थित है और कैमूर वन्यजीव अभयारण्य के पास है।
- यह दुनिया के सबसे पुराने और अच्छी तरह से संरक्षित जीवाश्म स्थलों में से एक है। यहां के जीवाश्म करीब 1.4 बिलियन (140 करोड़) साल पुराने हैं।
- इस स्थल पर पाए जाने वाले जीवाश्मों में स्ट्रोमैटोलाइट्स शामिल हैं, जो सायनोबैक्टीरिया (या नीले-हरे शैवाल) के समूहों द्वारा बनाए जाते हैं।
- ये जीवाश्मी सूक्ष्म संरचनाएं उस महान ऑक्सीकरण घटना (Great Oxidation Event) का रिकॉर्ड रखती हैं, जब पहली बार पृथ्वी के वातावरण में ऑक्सीजन संचित होना शुरू हुई थी।
- इस स्थल पर पाए जाने वाले जीवाश्मों में स्ट्रोमैटोलाइट्स शामिल हैं, जो सायनोबैक्टीरिया (या नीले-हरे शैवाल) के समूहों द्वारा बनाए जाते हैं।
सलखान फॉसिल पार्क का महत्त्व
- प्राचीन वातावरण को समझने में सहायक: इस पार्क में विभिन्न प्रकार के स्ट्रोमैटोलाइट्स पाए जाते हैं- जैसे गुंबदाकार (domal), स्तंभाकार (columnar), और परतदार (stratiform)। ये पुराने समय में जल की गहराई, तलछट (sedimentation) और लहरों की गतिविधियों में हुए बदलावों को दर्शाते हैं।
- प्री-कैम्ब्रियन काल की जानकारी देना: यह स्थल वर्ल्ड हेरिटेज फॉसिल्स रिकॉर्ड में एक महत्वपूर्ण रिक्त स्थान को भरता है, क्योंकि यह प्री-कैम्ब्रियन युग को प्रदर्शित करता है।
- यह पृथ्वी के इतिहास के 85% हिस्से को कवर करता है, जो अब तक दुनिया भर में बहुत कम वर्णित किया गया है।

- Tags :
- World Heritage Sites
- Salkhan Fossil Park