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भारत में क्विक कॉमर्स (QUICK COMMERCE IN INDIA) | Current Affairs | Vision IAS
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भारत में क्विक कॉमर्स (QUICK COMMERCE IN INDIA)

Posted 21 Jul 2025

1 min read

सुर्ख़ियों में क्यों?

कंसल्टिंग फर्म कर्नी (Kearney) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत का क्विक कॉमर्स क्षेत्रक आने वाले समय में तीव्र गति से वृद्धि करेगा, हालांकि यह उपभोक्ताओं के व्यवहार में भी बदलाव ला सकता है। 

क्विक कॉमर्स क्या है?

  • यह उपभोक्ताओं के घर तक वस्तुओं और सेवाओं की तत्काल या बहुत तेज डिलीवरी है। आर्डर के बाद लगभग एक घंटा या उससे कम समय में ही वस्तुओं की डिलीवरी कर दी जाती है।
    • पुराने ई-कॉमर्स में डिलीवरी में आमतौर पर 3-4 दिन लगते हैं।
  • लाभ: सेवाएं 24×7 उपलब्ध होती हैं, बिचौलियों की भूमिका कम हो गई है, उपभोक्ता के आस-पास से ही वस्तुएं प्राप्त की जाती हैं जिससे मार्केटिंग और आपूर्ति श्रृंखला काफी दक्ष हो जाती है। 

क्विक कॉमर्स की वृद्धि के कारक

  • इंटरनेट और स्मार्टफोन लगभग सभी के पास पहुंचना: उपभोक्ता कभी भी, कहीं से भी मोबाइल ऐप से खरीद के लिए आर्डर डाल सकते हैं।
    • कोविड-19 महामारी के दौरान डिलीवरी एजेंट से फिजिकल कॉन्टैक्ट किए बिना वस्तुओं की डिलीवरी से  क्विक  कॉमर्स को अपनाने की प्रक्रिया तेज हुई है।
  • सोशल मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता: उदाहरण के लिए: ब्रांड्स अब इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग के माध्यम से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंच रहे हैं।
  • उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव: युवा पीढ़ी तकनीक-प्रेमी है। वह सुविधा, किफायती व तेज गति से डिलीवरी के कारण ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता देती है।
  • प्रौद्योगिकी में प्रगतिनए एल्गोरिदम उपभोक्ताओं की पसंद का पूर्वानुमान कर लेता है, इसलिए मांग के अनुसार वस्तुओं की तुरंत आपूर्ति संभव हो गई है।
    • ऑटोमेशन और रोबोटिक्स: ऑर्डर की रियल-टाइम ट्रैकिंग और ऑटोमेटेड वेयरहाउस ने पूरी आपूर्ति श्रृंखला प्रक्रिया को तेज और सटीक बना दिया है।
  • सरकार की पहलें:
    • UPI, भारत नेट, रूपे ने भुगतान प्रणाली को सरल और सुविधाजनक बना दिया है।
    • ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) ने क्विक कॉमर्स की पहुंच का विस्तार किया है।  

क्विक कॉमर्स की स्थिति

  • वृद्धि दर: भारत में क्विक कॉमर्स में प्रति वर्ष 75-100% की वृद्धि दर्ज की जाएगी (बर्नस्टीन रिपोर्ट)।
  • बाजार का आकार: वर्ष 2025 तक 5 अरब अमेरिकी डॉलर और 2029 तक 9.94 अरब अमेरिकी डॉलर पहुंचने का अनुमान है। 
  • प्रमुख कंपनियां: ज़ेप्टो, ब्लिंकिट, स्विगी का इंस्टामार्ट। 

क्विक कॉमर्स के अनपेक्षित दुष्परिणाम

  • तात्कालिक संतुष्टि की प्रवृत्ति: कोई सामान तुरंत प्राप्त करने की इच्छा के कारण लोग अधिक बार और बिना सोच-विचार के खरीदारी करते हैं।
    • क्विक कॉमर्स वेबसाइट्स कूकीज़ के माध्यम से उपभोक्ताओं के व्यवहार को ट्रैक कर उन्हें बार-बार अधिक खरीदारी के लिए प्रेरित करती हैं।
  • गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिलना: उदाहरण के लिए- '10 मिनट में डिलीवरी' जैसे क्लेम डिलीवरी कर्मियों की सुरक्षा और सड़क दुर्घटना से जुड़े नैतिक सवाल पैदा करते हैं।
  • पर्यावरण पर प्रभाव: डिलीवरी के लिए बाइक के बढ़ते उपयोग से सड़क पर भीड़ बढ़ती है जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन भी बढ़ता है।
  • सेहत पर प्रभाव: ऑनलाइन किराना सामानों की ताजगी पर संदेह बना रहता है। जैसे दूध, अंडों की खराब हैंडलिंग से सेहत पर गंभीर असर पड़ सकता है।
    • खुदरा व्यवसाय और किराना स्टोर पर प्रभाव:  मॉल, सुपर मार्केट और छोटे स्टोर्स में ग्राहकों की संख्या घटी है। शहरी क्षेत्रों में बिक्री और प्रॉफिट मार्जिन में भी गिरावट आई है।  

संतुलन कैसे स्थापित करें?

  • सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ देना: डिलीवरी कर्मियों के लिए सख्त सुरक्षा मानक बनाए जाने चाहिए; उनका बीमा कराया जाना चाहिए, दुर्घटना की स्थिति में त्वरित चिकित्सा सहायता उपलब्ध करानी चाहिए, आदि।
  • सुरक्षित सेहत के लिए बेहतर स्वच्छता मानक: उदाहरण के लिए- FSSAI ने हाल ही में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को फूड सेफ्टी प्रोटोकॉल सख्त करने का निर्देश दिया, और निर्देशों का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। 
  • स्थानीय उद्योगों से सहयोग और समन्वय: स्थानीय व किराना स्टोर्स के साथ साझेदारी से स्टॉक की उपलब्धता और डिस्ट्रीब्यूशन बेहतर हो सकता है।
  • विनियामक उपाय: क्विक कॉमर्स की बढ़ती लोकप्रियता के साथ सरकार को चाहिए कि वह प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करना, एकाधिकार को रोकना और उपभोक्ता हितों की रक्षा करना। जैसे: उपभोक्ताओं के डेटा और डिलीवरी कर्मियों के श्रमिक अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • पर्यावरण अनुकूल उपाय: वस्तुओं की डिलीवरी करने में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना चाहिए, शॉर्ट डिस्टेंस डिलीवरी के लिए ड्रोन का उपयोग करना चाहिए, और आस-पास स्थित उपभोक्ताओं को एक ही साथ वस्तुओं की डिलीवरी सुनिश्चित करनी चाहिए।
    • शहरी यातायात में कमी: मोबाइल वेयर हाउस, कलेक्शन पॉइंट्स आदि से ट्रैफिक पर बोझ कम किया जा सकता है।  

निष्कर्ष

जहाँ क्विक कॉमर्स ने उपभोक्ताओं की सुविधा को बढ़ाया है, वहीं इसने निरंतर बदलते उपभोक्तावादगिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव जैसी चुनौतियों को भी जन्म दिया है। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि ऐसे उपाय किए जाएं, जो गिग वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उपभोक्ताओं को भावावेश एवं एक बार में पूरा खर्च कर लेने की प्रवृत्ति से बचने के लिए जागरूक किया जाए।

  • Tags :
  • Consumerism
  • Quick Commerce
  • Open Network for Digital Commerce
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