सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (Aircraft Accident Investigation Bureau: AAIB) ने अहमदाबाद की दुखद विमान दुर्घटना की जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी है।
अन्य संबंधित तथ्य
- जांच रिपोर्ट में पायलट द्वारा की गई "मेडे कॉल (MAYDAY)" के समय की जानकारी दी गई।
- "मेडे कॉल" वास्तव में प्राण-घातक खतरे की आपात कॉल होती है और तत्काल सहायता उपलब्ध कराना आवश्यकता होता है।
- विमानन क्षेत्रक में आपातकालीन संचार के लिए 121.5 MHz और 243 MHz फ्रीक्वेंसी निर्धारित की गई हैं।
- ब्लैक बॉक्स बरामद किए गए और उनका डेटा AAIB लैब से डाउनलोड किया गया।
- ब्लैक बॉक्स में दो प्रमुख रिकॉर्डिंग डिवाइसेज होते हैं:
- फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, जो गति, ऊंचाई, इंजन का प्रदर्शन जैसे मापदंड रिकॉर्ड करता है।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर।
- यह चमकीले नारंगी रंग का होता है ताकि आसानी से दिखाई दे सके। इसे स्टील या टाइटेनियम जैसी मजबूत सामग्री से बनाया जाता है।
- ब्लैक बॉक्स में दो प्रमुख रिकॉर्डिंग डिवाइसेज होते हैं:

भारत में विमानन सेवा की सुरक्षा हेतु संस्थागत व्यवस्था
- नागर विमानन महानिदेशालय (Directorate General of Civil Aviation: DGCA)
- यह नागरिक विमानन के क्षेत्र में विनियामक संस्था है। यह सुरक्षा संबंधी मुद्दों से मुख्यतः संबंधित है।
- जिम्मेदारी: भारत में और भारत से जाने वाली उड़ानों या भारत में आने वाली उड़ानों के लिए हवाई परिवहन सेवाओं का विनियमन करता है। यह नागरिक हवाई नियमों, हवाई सुरक्षा और विमान की एयरवर्दीनेस (उड़ान लायक स्थिति) का अनुपालन सुनिश्चित करता है।
- यह संस्था ICAO (अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन) के साथ समन्वय भी करता है।
- भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (Airports Economic Regulatory Authority of India: AERA)
- AERA अधिनियम, 2008 के तहत 2009 में स्थापित।
- उद्देश्य: हवाई अड्डों पर दी जाने वाली सेवाओं के लिए शुल्क तय करना, प्रमुख हवाई अड्डों की सेवा-गुणवत्ता पर निगरानी रखना।
- नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो (Bureau of Civil Aviation Security: BCAS)
- 1978 में DGCA के तहत एक प्रकोष्ठ के रूप में स्थापित किया गया। 1987 में नागरिक विमानन मंत्रालय के तहत स्वतंत्र विभाग बना दिया गया।
- प्रमुख दायित्व: यह अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (International Civil Aviation Organization: ICAO) के शिकागो कन्वेंशन के परिशिष्ट 17 के अनुरूप विमानन सुरक्षा मानक तय करता है।
- परिशिष्ट 17 का उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन को गैर-कानूनी हस्तक्षेप से सुरक्षित रखना है।
- वायुयान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (AAIB)
- इसकी स्थापना 2012 में नागरिक विमानन मंत्रालय के तहत संलग्न कार्यालय के रूप में की गई।
- यह विमान (दुर्घटनाओं एवं घटनाओं की जांच) नियम 2017 के तहत न्यायालय या केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा जांच और प्रशासनिक कार्य को सुगम बनाता है।
- प्राधिकार: यह किसी भी एजेंसी/ संगठन से सभी आवश्यक साक्ष्यों की तत्काल और बिना किसी बाधा के प्राप्त कर सकता है, और इसके लिए न्यायिक संस्थाओं या अन्य सरकारी प्राधिकरणों से पूर्व सहमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है।
- जांच सीमा:
- 2250 किलोग्राम से अधिक कुल भार वाले विमान या टर्बोजेट की दुर्घटनाओं की जांच AAIB करता है।
- 2250 किलोग्राम या उससे कम भार वाले विमानों की गंभीर घटनाओं की जांच DGCA करता है।
अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन (ICAO) के बारे में
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परिवहन, पर्यटन और संस्कृति संबंधी संसदीय स्थायी समिति द्वारा विमानन सुरक्षा के मुद्दे और सिफारिशें
विषय | चुनौतियां | सिफारिशें |
बजटीय आवंटन संतुलित नहीं होना | DGCA को 30 करोड़ रुपये (विमानन पूंजीगत बजट का 50%) ही मिलता है, जिससे सुरक्षा अवसंरचना और दुर्घटना जांच की इसकी क्षमताएं प्रभावित होती है। | विमानन संस्थाओं के बीच संतुलित तरीके से बजटीय आवंटन होना चाहिए ताकि सुरक्षा उपाय और जांच क्षमताओं की कमियों को दूर किया जा सके। |
मानव संसाधन की कमी | DGCA, BCAS और AAI में क्रमशः 53.8%, 34.7% और 17% पद रिक्त हैं। | भर्ती प्रक्रिया में तेजी लानी चाहिए और दीर्घकालिक मानव संसाधन योजना अपनानी चाहिए ताकि रिक्तियों को भरा जा सके। |
उड़ान योजना का विस्तार | वर्ष 2024-25 के बजट में उड़ान योजना का बजटीय आवंटन 32% घटा दिया गया। पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में इस योजना का विस्तार किया गया है जिसके लिए अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यक है। इसके लिए और बजटीय आवंटन की जरूरत है। | संशोधित UDAN योजना के तहत सुरक्षा अवसंरचना को मजबूत करने हेतु निधि की आवश्यकता का आकलन करना चाहिए। |
विनियामकीय निगरानी प्रणाली | राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर निगरानी के लिए सामान्य बजटीय आवंटन पर अत्यधिक निर्भरता है और सतत फंडिंग व्यवस्था की कमी है।
| एकीकृत सुरक्षा तंत्र स्थापित करना चाहिए जिससे DGCA, BCAS और अन्य एजेंसियों के बीच सहयोग हो और सतत वित्त पोषण सुनिश्चित हो सके। |
नेविगेशन प्रणाली | धुंध की वजह दृश्यता कम हो जाती है जिससे उड़ानों में बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
| इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) की स्थापना शीघ्र सभी हवाई अड्डों पर की जाए। |
विमान-केबिन का सुरक्षा मानक में कमियां | विमानों में बैठने वाली सीटें जल्दी ख़राब हो जाती हैं, साथ ही विमानों में पुरानी तकनीकें का समयपूर्व खराबी और कई एयरलाइनों में तकनीकी पुरातनता से जुड़ी चिंताएं। | एविएशन इंटीरियर क्वालिटी कमीशन की स्थापना करनी चाहिए जो सभी विमानन कंपनियों में एर्गोनोमिक, सुरक्षा, सततता और पहुंच मानकों को लागू करे। |
निष्कर्ष
भारत ने अपनी विमानन सुरक्षा प्रणाली को ICAO के वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया है, जिसे ICAO की सुरक्षा ऑडिट में सराहा भी गया है। एशिया-प्रशांत मंत्री स्तरीय सम्मेलन (2024) में दिल्ली घोषणा-पत्र को अपनाना भारत की ओपन स्काई नीति और वैश्विक कनेक्टिविटी के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हालिया विमान दुर्घटनाओं की पूरी पारदर्शिता और गहराई से जांच की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके और भारत के विमानन क्षेत्रक सुरक्षित एवं सशक्त बनाया जा सके।