सुर्ख़ियों में क्यों?
हाल ही में, विकास के लिए वित्त-पोषण पर चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (FFD4) में अंतिम निष्कर्ष दस्तावेज़ "कम्प्रोमिसो डी सेविले" (सेविले प्रतिबद्धता) को अपनाया गया। इसका उद्देश्य विकासशील देशों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के दिशा में विद्यमान वित्त-पोषण की कमी को दूर करना है।
अन्य संबंधित तथ्य
- सम्मेलन में सेविले प्रतिबद्धता को सर्वसम्मति से अपनाया गया है। इसका उद्देश्य विकासशील देशों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए आवश्यक वित्त-पोषण में प्रत्येक वर्ष 4 ट्रिलियन डॉलर की कमी को दूर करना है।
- सेविले प्रतिबद्धता पहले से मौजूद फ्रेमवर्क्स पर आधारित (इन्फोग्राफिक देखें) है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस प्रक्रिया से पूरी तरह से बाहर होने का निर्णय लिया है।
- इस अवसर पर भारत के वित्त मंत्री ने सतत विकास के लिए निजी निवेश को बढ़ावा देने हेतु एक सात-सूत्रीय रणनीति पेश की।
- इस सात-सूत्रीय रणनीति में बहुपक्षीय बैंकों को मजबूत करना, क्रेडिट रेटिंग की पद्धतियों में सुधार करना, घरेलू वित्तीय बाजारों का विकास करना, जमीनी स्तर पर पूंजी उपलब्ध कराना, मिश्रित वित्त-पोषण को बढ़ाना आदि शामिल हैं।

सतत विकास के लिए वित्त-पोषण की आवश्यकता क्यों है?
- SDGs वित्त-पोषण में कमी: SDGs की आकांक्षाओं और उनके लिए उपलब्ध वित्त-पोषण के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि यह अंतर हर साल 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
- जलवायु वित्त में निवेश: OECD, 2025 के अनुसार यदि देशों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों (NDCs) को और सशक्त बनाया जाए, तो ऊर्जा क्षेत्रक में निवेश 2022 से 2030 के बीच 40% तक बढ़ने की संभावना है।
- संपत्ति असमानता: उदाहरण के लिए- ऑक्सफैम, 2024 की रिपोर्ट के अनुसार विश्व की सबसे अमीर 1% आबादी के पास शेष 95% वैश्विक आबादी से भी अधिक संपत्ति है।
- कर असमानता: ऑक्सफैम, 2025 रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से अब तक सबसे अमीर 1% की संपत्ति 33.9 ट्रिलियन डॉलर बढ़ी है जो 22 बार वार्षिक गरीबी समाप्त करने के लिए पर्याप्त है। इसके बावजूद अरबपति वास्तविक करों में केवल लगभग 0.3% का भुगतान करते हैं।
- ऋण जाल: सतत विकास के लिए वित्त-पोषण (FSDR) रिपोर्ट, 2023 के अनुसार 40% से अधिक चरम गरीब लोग उन देशों में रहते हैं, जो गंभीर ऋण संकट से जूझ रहे हैं।
सतत विकास के लिए वित्त-पोषण में बाधाएं:
- घटता राजकोषीय व्यय: UNCTAD के अनुसार, 46 विकासशील देश (लगभग 3.4 बिलियन लोग) ब्याज भुगतान पर स्वास्थ्य या शिक्षा से अधिक खर्च कर रहे हैं।
- विशेष आहरण अधिकार (SDR) का असमान आवंटन: उदाहरण के लिए- FSDR रिपोर्ट, 2023 के अनुसार, कुल SDR आवंटन में से विकसित देशों को 66%, अफ्रीका को केवल 5.2%, और अल्प विकसित देशों को मात्र 2.5% प्राप्त होता है।
- SDR अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा बनाई गई एक अंतर्राष्ट्रीय आरक्षित परिसंपत्ति है। यह कोई मुद्रा नहीं है। इसका मूल्य पांच मुद्राओं के एक बास्केट पर आधारित है।
- भू-आर्थिक विखंडन: वैश्विक स्तर पर वैश्वीकरण की जगह भू-आर्थिक खंडन ले रहा है।
- उदाहरण के लिए- आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार 2020 से 2024 के बीच 24,000 से अधिक नए व्यापार एवं निवेश प्रतिबंध लगाए गए थे।
- अवैध वित्तीय प्रवाह: यह SDGs के वित्त-पोषण और कोविड-19 जैसे वैश्विक आघातों से उबरने के लिए संसाधनों की उपलब्धता को कम कर देता है। इस वजह से घरेलू स्तर पर संसाधन जुटाने की क्षमता कम हो जाती है।
- लैंगिक अंतराल: उदाहरण के लिए- विनिर्माण क्षेत्रक में कुल रोजगार में महिलाओं की 40% से भी कम हिस्सेदारी है। इसके अलावा, महिलाएं ज्यादातर उन क्षेत्रकों में काम करती हैं, जहां मुनाफा, तकनीकी उपयोग और वेतन भी कम होता है।
उठाए गए कदम
सेविले प्रतिबद्धता तीन प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है: सतत विकास के लिए निवेश को प्रोत्साहित करना; ऋण संकट का समाधान करना और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना में सुधार करना। सेविले प्रतिबद्धता के तहत निम्नलिखित नई वित्तीय व्यवस्थाएं घोषित की गई हैं:
- ऋण संकट का समाधान करने के लिए:
- विकास के लिए ऋण-विनिमय (Debt-for-Development Swap) कार्यक्रम: यह किसी सरकार और उसके ऋणदाताओं के बीच एक समझौता होता है। इसके तहत सरकार द्वारा किसी विकास लक्ष्य पर धन खर्च करने के बदले में ऋण को रद्द या कम किया जाता है।
- उदाहरण के लिए- इटली, अफ्रीकी देशों के 230 मिलियन यूरो के ऋण दायित्वों को विकास परियोजनाओं में निवेश के रूप में बदलेगा।
- डेट "पॉज क्लॉज़" अलायन्स: इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऋण समझौतों में ऐसी सुविधाएं जोड़ी जाएं, जिससे संकट के समय ऋण भुगतान को कुछ समय के लिए रोका जा सके।
- डेट स्वैप्स फॉर डेवलपमेंट हब (स्पेन और विश्व बैंक द्वारा संचालित): इसका उद्देश्य ऋण विनिमय को बढ़ाना और ऋण भुगतान बोझ को कम करने के लिए सहयोग में वृद्धि करना है।
- ऋण पर सेविले फोरम: इसका मुख्य उद्देश्य विविध देशों को उनके ऋण प्रबंधन और पुनर्गठन (restructuring) के तरीकों पर एक-दूसरे से सीखने एवं अपने प्रयासों में समन्वय स्थापित करने में सहायता करना है। इसमें एक संयुक्त राष्ट्र एजेंसी सचिवालय के रूप में कार्य करेगी, और स्पेन इसका समर्थन करेगा।
- विकास के लिए ऋण-विनिमय (Debt-for-Development Swap) कार्यक्रम: यह किसी सरकार और उसके ऋणदाताओं के बीच एक समझौता होता है। इसके तहत सरकार द्वारा किसी विकास लक्ष्य पर धन खर्च करने के बदले में ऋण को रद्द या कम किया जाता है।
- विकास प्रभाव वाले निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए:
- मिश्रित वित्त-पोषण का विस्तार: उदाहरण के लिए- SCALED नामक एक मिश्रित वित्त-पोषण प्लेटफॉर्म लॉन्च किया गया है। इसका उद्देश्य इस पद्धति के माध्यम से बड़े पैमाने पर वित्तीय साधन विकसित करना है।
- मिश्रित वित्त-पोषण एक ऐसी वित्तीय पद्धति है, जिसमें सरकारी, दानदाताओं और निजी पूंजी को मिलाकर सतत विकास पहलों को वित्त-पोषित किया जाता है।
- उच्च नेट वर्थ वाले व्यक्तियों पर प्रभावी कर प्रणाली (ब्राजील और स्पेन द्वारा नेतृत्व): इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उच्च नेट वर्थ वाले व्यक्ति उचित कर का भुगतान करें।
- कोएलिशन फॉर ग्लोबल सॉलिडैरिटी लेवी (फ्रांस, केन्या और बारबाडोस के नेतृत्व में): इसका उद्देश्य जलवायु कार्रवाई एवं सतत विकास के लिए धन जुटाने हेतु प्रीमियम-क्लास फ्लाइट्स एवं प्राइवेट जेट्स पर कर लगाना है।
- राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर वित्तीय ढांचे में सुधार के लिए
- स्थानीय मुद्रा ऋण को बढ़ाना: उदाहरण के लिए- FX EDGE टूलबॉक्स (इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक) और डेल्टा लिक्विडिटी प्लेटफॉर्म (यूरोपीय पुनर्निर्माण एवं विकास बैंक)। इन दोनों का उद्देश्य स्थानीय मुद्राओं में ऋण प्रदान करना है, जिससे मुद्रा संबंधी जोखिम कम हो सके।
- यूनाइटेड किंगडम और ब्रिजटाउन पहल के नेतृत्व वाला एक गठबंधन: इसका उद्देश्य आपदा प्रबंधन के लिए पूर्व-व्यवस्थित वित्त-पोषण को 2035 तक कुल वित्त के 2% से बढ़ाकर 20% तक करना है।
निष्कर्ष
निजी निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, सार्वजनिक विकास बैंकों को मजबूत करना और बहुपक्षीय प्रणाली में सुधार करना SDGs के साथ वित्त को संरेखित करने के लिए आवश्यक हैं। प्रमुख सुधारों में राजकोषीय प्रोत्साहन, दीर्घकालिक वित्त-पोषण और वर्तमान वैश्विक जरूरतों को दर्शाने के लिए WTO नियमों एवं निवेश संधियों को अपडेट करना शामिल है।