परिचय
ब्रेन या न्यूरो टेक्नोलॉजी तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के साथ हमारी अंतःक्रिया की अवधारणा को पुनर्परिभाषित कर रही है। यह क्षेत्र तीव्र गति से विस्तार कर रहा है। यह विस्तार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), वायरलेस प्रत्यारोपण और न्यूनतम इनवेसिव शल्य तकनीकों में हुई क्रांतिकारी प्रगति से प्रेरित है। अभूतपूर्व चिकित्सीय लाभों के साथ, यह तकनीकी क्रांति नई नैतिक और कानूनी चुनौतियां भी लाती है। ये चुनौतियां विशेष रूप से मानसिक गोपनीयता, डेटा अधिकार और संज्ञानात्मक स्वायत्तता (Cognitive Autonomy) के इर्दगिर्द उभर रही हैं।
न्यूरो-टेक्नोलॉजी क्या है?
- न्यूरो-टेक्नोलॉजी के बारे में: यह एक ऐसी तकनीक है जो मानव तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क सहित) और डिजिटल या यांत्रिक प्रणालियों के बीच प्रत्यक्ष अंतःक्रिया को संभव बनाती है। उदाहरण: ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCIs)।
- तंत्र: ये प्रणालियाँ तंत्रिका संकेतों (Neural Signals) का पता लगाती हैं, एल्गोरिदम की सहायता से उनकी व्याख्या करती हैं और उन्हें उपकरणों (जैसे- कृत्रिम अंगों, कंप्यूटर या संचार इंटरफेस) के लिए कमांड में परिवर्तित करने का कार्य करती हैं।

- अनुप्रयोग में शामिल हैं:
- मोटर बहाली: डिजिटल ब्रेन-स्पाइन ब्रिज पूर्ण पक्षाघात (Paralysis) वाले व्यक्ति को विचार-संचालित गति के माध्यम से खड़े होने, चलने और सीढ़ियां चढ़ने में सक्षम बना सकते हैं।
- विचार-से-वाणी (Thought-to-speech): AI-संचालित न्यूरल स्पीच डिकोडर ALS और पक्षाघातग्रस्त रोगियों के लिए लगभग-संवादी गति (Near-Conversational Speeds) पर वाणी को बहाल कर सकते हैं।
- संवेदी कृत्रिम अंग: ओसियो इंटीग्रेटेड बायोनिक हाथ अंग विच्छेदित (Amputees) व्यक्तियों को गर्मी और दबाव का अनुभव करने में सक्षम बना सकते हैं। साथ ही, फैंटम लिंब दर्द को कम कर सकते हैं, आदि।
- विनियमन: जहां चिकित्सा में इसके उपयोग को कड़ाई से विनियमित किया गया है, वहीं न्यूरोटेक्नोलॉजी अन्य क्षेत्रों में काफी हद तक अविनियमित बनी हुई है।
- कई उपभोक्ता अनजाने में कनेक्टेड हेडबैंड या हेडफोन जैसे सामान्य उपकरणों के माध्यम से इस तकनीक का उपयोग करते हैं, जो हृदय गति, तनाव या नींद की निगरानी के लिए तंत्रिका डेटा का उपयोग करते हैं।
- यह अत्यधिक संवेदनशील डेटा विचारों, भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को प्रकट कर सकता है, और बिना सहमति के साझा किया जा सकता है।
| हितधारक | मुख्य हित | नैतिक दुविधाएं |
| रोगी और दिव्यांग व्यक्ति | गतिशीलता, वाणी, स्मृति की बहाली; दर्द से राहत; जीवन की गुणवत्ता में सुधार | मनोवैज्ञानिक क्षति का जोखिम, तकनीक पर निर्भरता, सामर्थ्य, तंत्रिका डेटा का दुरुपयोग |
| चिकित्सक और तंत्रिका वैज्ञानिक | विज्ञान की उन्नति; नए चिकित्सीय विकल्प; पेशेवर मान्यता | देखभाल का कर्तव्य बनाम वाणिज्यिक प्रभाव; प्रायोगिक तकनीक के लिए सहमति |
| टेक कंपनियां और स्टार्ट-अप्स | नवाचार नेतृत्व; डेटा स्वामित्व; लाभ; बाजार प्रभुत्व | मस्तिष्क डेटा का मुद्रीकरण; वाणिज्यिक लाभ के लिए असुरक्षित उपयोग |
| सरकारें एवं नियामक | लोक सुरक्षा; राष्ट्रीय सुरक्षा; नवाचार पारितंत्र | जोखिम विनियमन के साथ नवाचार को संतुलित करना; राज्य द्वारा निगरानी की आशंका |
| सैन्य एवं रणनीतिक सुरक्षा प्रतिष्ठान | सैनिकों के लिए संज्ञानात्मक वृद्धि; मस्तिष्क-नियंत्रित हथियार | हथियारों की होड़ का तीव्र होना; मानव गरिमा का उल्लंघन; बलपूर्वक उपयोग के जोखिम |
हितधारक और उनके हित
नैतिक मुद्दे
- गोपनीयता और विचारों की स्वतंत्रता: उदाहरण के लिए, BCIs संज्ञानात्मक अवस्थाओं, भावनाओं या इरादों का अनुमान लगा सकते हैं और निर्णयों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे स्वतंत्र इच्छा कमजोर हो सकती है। इनके दुरुपयोग से बिना सहमति के अंतरंग डेटा उजागर हो सकता है।
- व्यक्तिगत पहचान और स्वायत्तता: ब्रेन-कंप्यूटर कनेक्शन और एल्गोरिदम विचारों तथा निर्णयों को आकार दे सकते हैं। इससे व्यक्तित्व की विशिष्टता के क्षीण होने और स्वायत्तता में कमी का जोखिम है।
- तंत्रिका डेटा का मुद्रीकरण: कॉरपोरेट संस्थाएं मस्तिष्क डेटा को एकत्र कर उसका व्यावसायीकरण कर सकती हैं। यह आज के व्यवहारिक डेटा के समान होगा लेकिन काफी अधिक अंतरंग होगा।
- निगरानी: न्यूरो-डेटा राज्य द्वारा सुरक्षा के लिए या MNCs द्वारा वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ध्यान, भावनाओं या निर्णय लेने के पैटर्न की ट्रैकिंग को सक्षम कर सकता है। इससे हेरफेर और नियंत्रण की आशंकाएं बढ़ती हैं।
- दोहरे उपयोग के जोखिम: पुनर्वास के माध्यम से विकसित तकनीकों का उपयोग सैन्य या खुफिया उपयोगों के लिए किया जा सकता है। जैसे- हैंड्स-फ्री ड्रोन नियंत्रण या तंत्रिका निगरानी।
आगे की राह (न्यूरोटेक्नोलॉजी की नैतिकता पर यूनेस्को की 2025 की प्रमुख सिफारिशें)
- संज्ञानात्मक स्वतंत्रता और मानसिक गोपनीयता: व्यक्तियों को अपने स्वयं के मानसिक अनुभवों पर आत्मनिर्णय बनाए रखना चाहिए। तंत्रिका डेटा के अनधिकृत संग्रह या उपयोग को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए।
- मानव एजेंसी और जवाबदेही: न्यूरो-उपकरण उपयोगकर्ता के नियंत्रण (लूप में मनुष्य) में ही रहने चाहिए।
- कमजोर आबादी की सुरक्षा: विशेष रूप से बच्चे, जो सार्थक रूप से सहमति नहीं दे सकते हैं।
- पारदर्शिता और व्याख्यात्मकता: उपयोगकर्ताओं को उपकरणों के कार्यों, जोखिमों और डेटा प्रथाओं की स्पष्ट जानकारी दी जानी चाहिए।
- गैर-भेदभाव और समावेश: डिजिटल विभाजन को रोकने के लिए निम्न-मध्यम आय वाले देशों और हाशिए वाले समूहों में असमान पहुंच तथा न्यूरो-आधारित सामाजिक स्तरीकरण को रोका जाना चाहिए।
- शासन और नियामक ढांचे: न्यूरोटेक्नोलॉजी का उपयोग निगरानी के लिए नहीं किया जाना चाहिए और व्यक्तियों को स्वयं के विरुद्ध गवाही देने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
- मूल्यांकन तंत्र (मानवाधिकारों, आर्थिक, आदि पर); नियामक सैंडबॉक्स (तकनीकों के परीक्षण और सत्यापन के लिए), को राज्य द्वारा विकसित किया जाना है।
- राज्यों को तंत्रिका डेटा और मानसिक अनुमानों की अनुमति देने वाले डेटा को संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के रूप में वर्गीकृत करना चाहिए।
निष्कर्ष
न्यूरो-टेक्नोलॉजी परिवर्तनकारी चिकित्सीय लाभ प्रदान करती है लेकिन इसके साथ गंभीर नैतिक जोखिम भी जुड़े हैं। हालांकि, साथ ही, मानसिक गोपनीयता, मानव स्वायत्तता, इक्विटी और मजबूत वैश्विक विनियमन सुनिश्चित करना आवश्यक है,ताकि नवाचार को जिम्मेदारीपूर्वक अपनाते हुए मानवीय गरिमा और मूल अधिकारों की रक्षा की जा सके।
केस स्टडी अभ्यास प्रश्नन्यूरोलिंक सॉल्यूशंस नामक एक स्टार्ट-अप ने एक गैर-इनवेसिव ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) विकसित किया है, जो पक्षाघात वाले व्यक्तियों को विचार पैटर्न का उपयोग करके अपने अंगों को गतिशीलता देने में मदद कर सकता है। डिवाइस ने नैदानिक परीक्षणों में उल्लेखनीय परिणाम दिखाए हैं, जिससे उपयोगकर्ता गतिशीलता प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है। कंपनी अब छह महीने के भीतर उत्पाद को व्यावसायिक रूप से शुरू करने की योजना बना रही है, जिसकी कीमत ₹38 लाख प्रति डिवाइस तय की गई है। यह दो वैश्विक तकनीकी फर्मों के साथ ऐसे समझौतों को अंतिम रूप दे रही है, जिनके तहत उपयोगकर्ताओं से एकत्र किए गए अज्ञात तंत्रिका डेटा तक पहुंचप्राप्त कर उसे "AI एल्गोरिदम में सुधार" के लिए व्यावसायिक रूप से उपयोग (मौद्रीकरण) किया जाएगा। उपयोगकर्ताओं को उत्पाद की शर्तों के अंतर्गत डेटा साझा करने के लिए सहमति देनी होगी। एक वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट, डॉ. मीरा, जो चिकित्सा समुदाय में एक सम्मानित व्यक्ति हैं, वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में स्टार्ट-अप में शामिल हुई हैं। उनका मानना है कि BCI रोगियों के लिए क्रांतिकारी सिद्ध हो सकता है, लेकिन वह निम्नलिखित कारणों से असहज महसूस कर रही हैं कि:
इस बीच, पक्षाघात से ग्रस्त 12 वर्षीय बच्चे के माता-पिता किसी उपचार की तीव्र आशा में डॉ. मीरा पर दबाव डाल रहे हैं कि वे करुणा दिखाते बच्चे को इस डिवाइस तक शीघ्र पहुंच की अनुमति दें, जबकि बच्चा स्वयं सार्थक रूप से सहमति देने में सक्षम नहीं है। CEO का कहना है कि प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ने और प्रतिस्पर्धी बने रहने तथा नवाचार में तेजी लाने के लिए व्यावसायीकरण और बड़े पैमाने पर डेटा साझेदारी आवश्यक है। निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
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