द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन का आयोजन दोहा, क़तर में किया गया है, जिसमें “विश्व सामाजिक शिखर सम्मेलन” के दोहा राजनीतिक घोषणा-पत्र को अपनाया गया है।
द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन के बारे में
- आयोजक: इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा, अपने प्रस्तावों 78/261 और 78/318 के माध्यम से आयोजित करेगी।
- प्रथम विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन 1995 में कोपेनहेगन, डेनमार्क में आयोजित हुआ था।
- लक्ष्य: सामाजिक विकास पर कोपेनहेगन घोषणा-पत्र और कार्य-कार्यक्रम के कार्यान्वयन में मौजूद कमियों को दूर करना और इन प्रतिबद्धताओं के प्रति पुनः संकल्प लेना, और 2030 एजेंडा के प्रभावी कार्यान्वयन को गति प्रदान करना।
- शिखर सम्मेलन के अलावा आयोजित अन्य प्रमुख कार्यक्रम
- भुखमरी और निर्धनता के विरुद्ध वैश्विक गठबंधन: इस गठबंधन की पहली उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इसकी शुरुआत 2024 में ब्राजील की G20 अध्यक्षता के दौरान की गई थी।
- निजी क्षेत्रक मंच: एक विशेष मंच है, इसकी सह-मेजबानी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ एम्प्लॉयर्स, संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट और संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (UN DESA) ने की है। यह इस बात पर ध्यान केंद्रित करता है कि कंपनियां समावेशी विकास को किस प्रकार समर्थन दे सकती हैं।

दोहा राजनीतिक घोषणा-पत्र के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
- कोपेनहेगन घोषणा और कार्य-कार्यक्रम के प्रति पुनः प्रतिबद्धता।
- निगरानी की भूमिका: संयुक्त राष्ट्र सामाजिक विकास आयोग को कार्यान्वयन की निगरानी और समीक्षा की प्राथमिक जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह आयोग संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के अंतर्गत कार्यरत है।
- तीन स्तंभों की पुनः पुष्टि: यह सामाजिक विकास को परस्पर मजबूत करने वाले तीन स्तंभों पर केंद्रित करता है - निर्धनता उन्मूलन, सभी के लिए पूर्ण और उत्पादक रोजगार एवं गरिमामय कार्य, और सामाजिक समावेश।
- वित्तपोषण और संरचना: अदीस अबाबा एक्शन एजेंडा की पुनः पुष्टि की गई है। साथ ही, विकास के लिए वैश्विक वित्तपोषण ढांचे को नवीनीकृत करने हेतु सेविला प्रतिबद्धता का स्वागत किया गया है।
- यह विकास और जलवायु वित्त तक निष्पक्ष पहुंच सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक वित्तीय संरचना में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर देता है। इसके अंतर्गत विशेष रूप से ऋण संकट का सामना कर रहे विकासशील देशों की आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने पर बल दिया गया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन आउटलुक 2025 |
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विश्व शहरीकरण परिदृश्य 2025 रिपोर्ट
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रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं पर एक नजर
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मालदीव तंबाकू पर पीढ़ीगत प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश बन गया है।
पीढ़ीगत प्रतिबंध (Generational Ban) के बारे में
- पीढ़ीगत तंबाकू प्रतिबंध, या लाइफटाइम तंबाकू प्रतिबंध, एक ऐसी नीति को संदर्भित करता है, जो एक निर्धारित तिथि के बाद पैदा हुए किसी भी व्यक्ति को सिगरेट या अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर स्थायी रूप से रोक लगाती है। इसका अर्थ है कि वह किसी भी आयु में कानूनी रूप से तंबाकू नहीं खरीद सकता है।
- तंबाकू नियंत्रण के लिए उपयोग किए जाने वाले अन्य उपाय:
- तंबाकू उपयोग की निगरानी करना,
- नुकसान के बारे में चेतावनी देना,
- विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाना,
- कर (tax) बढ़ाना,
- अवैध व्यापार को रोकना और
- नए निकोटीन उत्पादों को विनियमित करना।
Article Sources
1 sourceचिली की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बाचेले को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया।
इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार के बारे में
- शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है।
- इसे इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा स्थापित किया गया है।
- यह पुरस्कार किसी भी व्यक्ति या संगठन को राष्ट्रीयता, नस्ल या धर्म के भेद के बिना निम्नलिखित दिशा में किए गए रचनात्मक प्रयासों की मान्यता में दिया जाता है:
- नस्लीय समानता को बढ़ावा देना,
- राष्ट्रों के बीच सद्भावना और सामंजस्य को बढ़ावा देना, आदि।