पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit: EAS) | Current Affairs | Vision IAS
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संक्षिप्त समाचार

23 Dec 2025
7 min

20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शांति और स्थिरता पर 'कुआलालंपुर घोषणापत्र' को अपनाया गया।

  • इस घोषणापत्र का उद्देश्य 'आसियान 2045: हमारा साझा भविष्य' (ASEAN 2045: Our Shared Future) विजन के अनुरूप EAS कार्य योजना (2024–2028) के अंतर्गत संयुक्त परियोजनाओं और गतिविधियों को कार्यान्वित करना है।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के बारे में

  • अवलोकन (Overview): पूर्वी एशिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने हेतु रणनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर संवाद और सहयोग के लिए यह एक शीर्ष नेताओं के नेतृत्व वाला मंच (leaders-led forum) है।
  • उत्पत्ति (Genesis): इसकी स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी और प्रथम शिखर सम्मेलन कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित किया गया था।
  • प्रकृति (Nature): यह सहभागी देशों के राष्ट्राध्यक्षों या शासनाध्यक्षों की एक वार्षिक बैठक है।
  • सदस्य (Members): आसियान (ASEAN) सदस्य देश, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया (Republic of Korea), संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस। 

हाल ही में, वर्ष 2025 का एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन दक्षिण कोरिया के ग्योंगजू शहर में आयोजित किया गया था।

APEC के बारे में:

  • सचिवालय: सिंगापुर में स्थित है।
  • स्थापना: APEC की स्थापना 1989 में की गई थी।
  • सदस्य देश: APEC के 21 सदस्य देश हैं-
    • ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चिली, चीन, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका आदि।
      • भारत: भारत APEC का सदस्य नहीं है, लेकिन इसे "पर्यवेक्षक" का दर्जा प्राप्त है।
  • उद्देश्य: APEC का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक सक्रिय और सामंजस्यपूर्ण समुदाय का निर्माण करना है, जो मुक्त और खुले व्यापार एवं निवेश का समर्थन करे तथा आर्थिक एकीकरण व सहयोग को बढ़ावा दे।

ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और भारत ने जोहान्सबर्ग में G20 शिखर सम्मेलन के दौरान एक नए त्रिपक्षीय ढांचे ACITI की घोषणा की।

ऑस्ट्रेलिया-कनाडा-भारत प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (ACITI) साझेदारी के बारे में

  • उद्देश्य: महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों एवं नवाचार के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना।
  • प्रमुख फोकस क्षेत्र: स्वच्छ ऊर्जा तथा विशेष रूप से महत्वपूर्ण खनिजों में विविध व लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएं।
    • अपने-अपने देश के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए AI के विकास और उसे व्यापक रूप से अपनाने में तेजी लाने के तरीकों का पता लगाना।

हाल ही में, दक्षिण कोरिया में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में चीन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मानदंडों को शासित करने के लिए एक वैश्विक निकाय, WAICO का समर्थन किया।

WAICO के बारे में

  • लक्ष्य: विश्व सहयोग के लिए वैश्विक मानक निर्धारित करना।
    • इसमें चीन की 2023 की वैश्विक AI गवर्नेंस पहल के सिद्धांतों को शामिल किया गया है। इन सिद्धांतों में मानव-केंद्रित डिज़ाइन, डेटा संप्रभुता और एल्गोरिदम पारदर्शिता पर बल दिया गया है।
  • घोषणा: इसकी घोषणा शंघाई में आयोजित विश्व कृत्रिम बुद्धिमत्ता सम्मेलन2025 के दौरान की गई थी।
  • प्रमुख उद्देश्य: AI गवर्नेंस की अंतर्राष्ट्रीय संरचना की पुनर्कल्पना करना, चीन को संयुक्त राज्य अमेरिका के विकल्प के रूप में स्थापित करना और चीन की सॉफ्ट पावर का उपयोग करना आदि।

हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुष्टि की है कि कजाकिस्तान अब्राहम अकॉर्ड्स का हिस्सा होगा। 

अब्राहम अकॉर्ड्स के बारे में

  • उद्देश्य: इस समझौते का उद्देश्य इजरायल और कई तथाकथित उदारवादी अरब देशों के बीच संबंधों को सामान्य बनाकर मध्य पूर्व में तनाव को कम करना, ताकि इजरायल के साथ इन देशों के औपचारिक राजनयिक, व्यापारिक व सुरक्षा संबंध सुनिश्चित किए जा सकें। 
    • इस समझौते का नाम बाइबिल के अब्राहम के नाम पर रखा गया है, जिन्हें यहूदी और अरब दोनों ही अपना साझा पूर्वज एवं बंधुत्व का प्रतीक मानते हैं। 
  • उत्पत्ति: प्रारंभिक रूप से वर्ष 2020 में इज़रायल के साथ संयुक्त अरब अमीरात (UAE), बहरीन तथा मोरक्को के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। 

बांग्लादेश संयुक्त राष्ट्र के सीमा-पार जलमार्गों और अंतर्राष्ट्रीय झीलों के संरक्षण एवं उपयोग पर अभिसमय (जल अभिसमय) में शामिल होने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया।

जल अभिसमय के बारे में

  • इसे 1992 में हेलसिंकी में अपनाया गया था। यह 1996 में लागू हुआ था। 
  • यह साझा जल संसाधनों के संधारणीय प्रबंधन के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी अभिसमय है। 
  • इसके तहत पक्षकारों से सीमा-पार प्रभावों को रोकने, नियंत्रित करने और कम करने की अपेक्षा की गई है। 
    • यह साझा जल संसाधनों का उचित, न्यायसंगत और संधारणीय उपयोग सुनिश्चित करता है। 
    • यह तटवर्ती देशों के बीच समझौतों और संयुक्त निकायों के माध्यम से सहयोग को अनिवार्य बनाता है। 

संयुक्त राज्य अमेरिका नार्को आतंकवाद के खिलाफ कैरेबियन सागर में ऑपरेशन सदर्न स्पीयर संचालित कर रहा है। इस ऑपरेशन के हिस्से के रूप में लड़ाकू जेट और निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक पोत ने  एनेगाडा पैसेज से आवागमन किया।

एनेगाडा पैसेज के बारे में

  • अवस्थिति: यह वेस्ट इंडीज में एक चैनल है, जो अटलांटिक महासागर को कैरेबियन सागर से जोड़ता है।
  • यह 65 किलोमीटर चौड़ा है और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह (पश्चिम) को लीवार्ड द्वीप समूह (दक्षिण-पूर्व) से अलग करता है।
  • यह उन दो मार्गों में से एक है, जिनके माध्यम से उप-सतही जल (subsurface water) कैरेबियन सागर में प्रवेश करता है। 
    • दूसरा मार्ग विनवार्ड पैसेज (Windward Passage) है।

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EAS कार्य योजना (2024–2028)

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के लिए 2024 से 2028 तक की अवधि को कवर करने वाली एक योजना है, जो संयुक्त परियोजनाओं और गतिविधियों के कार्यान्वयन के माध्यम से संगठन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप प्रदान करती है।

कुआलालंपुर घोषणापत्र

20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में अपनाया गया एक घोषणापत्र है, जिसका उद्देश्य 'आसियान 2045: हमारा साझा भविष्य' विजन के अनुरूप EAS कार्य योजना (2024–2028) के अंतर्गत संयुक्त परियोजनाओं और गतिविधियों को लागू करना है।

आसियान (ASEAN)

दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संघ (Association of Southeast Asian Nations) एक क्षेत्रीय अंतरसरकारी संगठन है जो दक्षिण पूर्व एशिया में सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देता है। यह EAS का एक महत्वपूर्ण घटक है।

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