सरकार ने ‘अपतटीय क्षेत्रों में परमाणु खनिजों के संचालन अधिकार नियम, 2025’ अधिसूचित किए | Current Affairs | Vision IAS
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    सरकार ने ‘अपतटीय क्षेत्रों में परमाणु खनिजों के संचालन अधिकार नियम, 2025’ अधिसूचित किए

    Posted 19 Jul 2025

    7 min read

    ये नियम अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित किए गए हैं। 

    नियमों के बारे में:

    • उद्देश्य- अपतटीय क्षेत्रों में यूरेनियम और थोरियम जैसे परमाणु खनिजों के अन्वेषण एवं खनन को विनियमित करना।
    • ये नियम तभी लागू होंगे, जब परमाणु खनिजों का संकेंद्रण एक निश्चित न्यूनतम स्तर से अधिक होगा।
    • नियमों के तहत सरकार द्वारा नामित संस्थाओं को ही अन्वेषण लाइसेंस या उत्पादन पट्टे दिए जा सकते हैं।
      • यदि कोई विदेशी संस्था अन्वेषण कार्य करना चाहती है, तो उसे पहले सरकारी प्राधिकारियों से अनुमोदन लेना होगा।

    भारत में प्रमुख परमाणु खनिज

    • यूरेनियम:
      • मुख्य भंडार: झारखंड, आंध्र प्रदेश, मेघालय, राजस्थान आदि।
        • जादूगोड़ा (झारखंड) देश की पहली खदान है, जहां वाणिज्यिक स्तर पर यूरेनियम निकाला गया।
      • अन्य महत्वपूर्ण खदानें: लांबापुर-पेड्डागट्टू (आंध्र प्रदेश), बगजाता खदान (झारखंड) आदि।
      • भारत में अधिकतर यूरेनियम भंडार छोटे हैं और दुनिया के प्रमुख यूरेनियम उत्पादक देशों की तुलना में काफी कम गुणवत्ता वाले हैं।
    • थोरियम:
      • भारत में यूरेनियम के भंडार सीमित हैं, लेकिन थोरियम के प्रचुर भंडार हैं।
      • मोनोजाइट में लगभग 8-10% थोरियम होता है।
      • केरल और ओडिशा के समुद्र तटों की रेत में मोनोजाइट के समृद्ध भंडार पाए जाते हैं।
    • Tags :
    • परमाणु खनिज
    • यूरेनियम
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