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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने प्रमुख आर्थिक संकेतकों में बदलाव करने का निर्णय लिया | Current Affairs | Vision IAS
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सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने प्रमुख आर्थिक संकेतकों में बदलाव करने का निर्णय लिया

Posted 31 Jul 2025

1 min read

प्रस्तावित प्रमुख सुधार

  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP): आधार वर्ष (तुलना का मानक वर्ष) 2011-12 से बदलकर 2022-23 किया जाएगा। डाटा स्रोतों को मजबूत किया जाएगा। 
    • उदाहरण के लिए- अब महालेखा नियंत्रक कार्यालय (CGA), MCA-21 और RBI से प्राप्त डेटा के साथ-साथ GST, ई-वाहन पोर्टल और UPI जैसे नए डेटा का भी उपयोग किया जाएगा। 
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP): इसका भी आधार वर्ष 2011-12 से बदलकर 2022-23 किया जाएगा।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI): इसका आधार वर्ष 2012 से बदलकर 2024 किया जाएगा।
    • हवाई जहाज के किराए, रेल किराए, OTT प्लेटफॉर्म जैसी सेवाओं के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से डेटा लिया जाएगा। पेट्रोल, डीजल और LPG की कीमतों के लिए प्रशासनिक रिकॉर्ड का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
  • सेवा क्षेत्रक उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण (ASSSE): औद्योगिक सर्वेक्षण की तर्ज पर औपचारिक सेवा क्षेत्रक को मापने के लिए वार्षिक सर्वेक्षण किया जाएगा।
  • घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (HCES): यह सर्वेक्षण अब हर पांच साल की बजाय हर तीन साल में आयोजित किया जाएगा।

सुधारों की आवश्यकता क्यों है?

  • आर्थिक संरचना में बदलावों को समझना: उदाहरण के लिए- लोगों के उपभोग पैटर्न में बदलाव, विविध क्षेत्रकों का अर्थव्यवस्था में बदलता महत्व और नए क्षेत्रकों का जुड़ना। इन बदलावों को पुराने आंकड़ों से सही से नहीं समझा जा सकता।
  • विविध डेटा स्रोतों का उपयोग करना: उदाहरण के लिए- विनिर्मित उत्पादों हेतु GST रिटर्न जैसे नए स्रोतों से उत्पादन के मूल्य और मात्रा दोनों का सटीक डेटा मिलेगा।
  • वास्तविक आर्थिक संवृद्धि को दर्शाना: आधार वर्ष में बदलाव से मुद्रास्फीति के प्रभाव को हटाने के बाद वास्तविक आर्थिक संवृद्धि को बेहतर ढंग से मापा जा सकेगा।

प्रमुख आर्थिक संकेतक

  • सकल घरेलू उत्पाद (GDP): यह किसी देश में किसी निश्चित समय अवधि में उत्पादित अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य को मापता है।
  • औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP): इसे केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा तैयार और प्रकाशित किया जाता है। इसमें खनन एवं उत्खनन (Quarrying), विनिर्माण, और बिजली जैसे क्षेत्रक शामिल हैं।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) यह मुद्रास्फीति की समष्टि अर्थशास्त्रीय माप है। यह घरेलू उपभोग हेतु वस्तुओं और सेवाओं की सामान्य कीमतों के स्तर में बदलाव का मापन करता है।
  • Tags :
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक
  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय
  • उद्यमों का वार्षिक सर्वेक्षण
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