यह अपील इथियोपिया के अदिस अबाबा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन +4 स्टॉकटेक (UNFSS+4) में की गई है।
- इस अवसर पर उन्होंने वैश्विक खाद्य प्रणालियों में हुई प्रगति की समीक्षा के लिए दूसरी द्विवार्षिक UNFSS+4 रिपोर्ट भी जारी की।
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली सम्मेलन की शुरुआत 2021 में की गई थी। इसका उद्देश्य अधिक लचीली, समावेशी और संधारणीय खाद्य प्रणालियां सुनिश्चित करना है।
खाद्य प्रणालियां क्या हैं?
- परिभाषा: इसमें वे सभी लोग और आपस में जुड़ी मूल्य वर्धन गतिविधियां शामिल हैं जो कृषि, वानिकी या मात्स्यिकी से उत्पन्न खाद्य उत्पादों के उत्पादन, प्रसंस्करण, वितरण, उपभोग और निपटान से जुड़ी होती हैं।
- महत्व: वैश्विक खाद्य प्रणालियों में 11.6 ट्रिलियन डॉलर मूल्य की छिपी हुई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लागत निहित हैं।
- सामाजिक: इनका सभी सतत विकास लक्ष्यों (स्वास्थ्य, शून्य भुखमरी, जैव विविधता, आदि) के साथ सीधा संबंध है।
- दुनिया में 783 मिलियन लोग लंबे समय से भुखमरी से पीड़ित हैं।
- आर्थिक: ये कृषि परिवारों को महत्वपूर्ण रोजगार प्रदान करती हैं।
- पर्यावरणीय: ये कुल मिलाकर निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार हैं:
- कुल वैश्विक उत्सर्जन में 30% से अधिक हिस्सेदारी;
- कुल जैव विविधता नुकसान में 80% हिस्सेदारी;
- कुल ताजे जल के उपयोग में 70% हिस्सेदारी आदि।
- सामाजिक: इनका सभी सतत विकास लक्ष्यों (स्वास्थ्य, शून्य भुखमरी, जैव विविधता, आदि) के साथ सीधा संबंध है।
खाद्य प्रणालियां क्यों विफल हो रही हैं?
- जलवायु परिवर्तन: बार-बार आने वाली आपदाओं से फसलें नष्ट होती हैं और खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाएं बाधित होती हैं।
- बढ़ता ऋण: अल्प-विकसित देशों में ऋण का बोझ 2010 में राजस्व का 3.1% था, जो 2023 में बढ़कर 12% हो गया। इससे स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़े निवेश में कमी आई है।
- कमजोर अवसंरचना: खराब भंडारण तथा परिवहन और बाजार तक पहुंच की कमी के कारण एक तिहाई खाद्य खराब हो जाता है या बर्बाद हो जाता है।
लचीली खाद्य प्रणालियों के लिए आगे की राह
- निजी निवेश को बढ़ावा देना चाहिए और स्थानीय क्षमता निर्माण का प्रयास करना चाहिए।
- आपातकालीन सहायता और दीर्घकालिक विकास के बीच समन्वित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं के नेतृत्व में समुदाय आधारित समाधान अपनाने चाहिए।
खाद्य प्रणालियों में सुधार के लिए प्रमुख पहलें
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